अस्तित्व का भय,
बहुत मौलिक है;
उतना ही मौलिक
जितना, उसपर लिपा पोती करके
धर्म का शंख बजाना
अगरबत्तियों और हुमाद की खुशबू से
रक्त चाप में संतुलन आता है.
मात्र संतुलन
एक संतुलन के लिए बहुत सारा संतुलन बिगड़ना?
यह कौन सा धर्म है?
- Rahul Raj.
No comments:
Post a Comment